वर्ष 2021 में फिल्म 'Hasseen Dillruba' जब रिलीज हुई थीं तब उसका कंटेंट अलग लगा था फिल्म कथित पल्प फिक्शन या नीलुगदी साहित्य पर बनी थी |अब हसीन दिलरुबा की कहानी को आगे बढ़ाया गया है ‘Phir Aayi Hasseen Dillruba' मेंं खैर, हसीन दिलरुबा की रानी (तापसी पन्नू) कातिलान थी, पहले पार्ट में नील (हर्षवर्धन राणे) रानी के साथ वीवाहेतर संबंध के चवकर में जान गंवा बैठता है | रानी के पति ऋषभ यानी रिश (विक्रांत मेस्सी ) ने रानी को बचाने के लिए अपना हाथ काट दिया था |
अब सीक्वल की कहानी वहीं से आगे बढ़ती है|
रिशू अब रवि बनकर जिंदगी बिता रहा है| रानी ब्यूटी पार्लर चलाती है| देनों आगरा में पुलिस से छिपकर रह रहे हैं वहां भी उनकी जिंदगी आसान नहीं| एक और रानी के साथ अभिमन्यु ( सनी कौशल ) पागलपन की हद तक प्यार में पड़ चुका है, वहीं रिशशू की मकान मालकिन पूनम (भभूमिका दुबे) उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए बेकरार है| नील के चाचा और पुलिस अफसरम जय (जिमी शेरगिल ) रिशू को ढूंढ़ रहा है | रानी और रिश गैरकानूनी रूप से थाइलैंड जाने की कोशिश में लगे हैं |
पिछली फिल्म में रानी और रिशू को लेखक दिनेश पंडित की किताब'कसौली का कहर' पढ़कर नील को मारने का आइडिया आया था इस बार वह उनकी किताब ‘मगरमच्छ का शिकंजा' का सहारा लेते हैं फिल्म के आरंभ में एक संवाद है कि ‘जो पागलपन की हद से न गुजरे वह प्यार ही क्या, होश में तो रिश्ते निभाए जाते हैं' इसे जब तापसी ब्रोलती है ,तो लगता है कि प्यार का पागलपन पिछली फिल्म से ज्यादा होगा, पर ऐसा हो नहीं पाता|
इस बार रानी और रिशू की भूमिकाएं पहले की तरह तेज-तर्रार नहीं हैं| फिल्म के डार्क जोन को देखते । हुए सिनेमैटोग्राफर विशाल सिन्हा का काम बेहतरीन है| निर्देशक जयप्रद देसाई की पकड़ पर्वार्ध पर मजबूत है लेकिन उत्तरार्ध में ढीली पड़ जाती हैं रास्तों के सीटीवी फुटेज देखकर दिनेश पेंडित की किताब पढ़कर, कॉल रिकोड्स निकालकर घटना का पता लगाने वाले पुलिस के दृश्य हास्यास्पद हैं पंडित जी कहते हैं कि चलन से ना चाल से प्यार करने वालों को परखें उनके दिल के हाल से। जैसे कई संबाद मूल फिल्म के फील को बनाए रखते हैं|
तापसी पन्नू किसी भी भूमिका में ढ़ल सकती हैं, लेकिन इस बार वह नमक जो इस पात्र में होना चाहिए था, कम दिखा विक्रांत मेसी के जादुई अभिनय की कमी खलती है|सनी कौशल इस बार चौकाएंगे| अब तक सनी को परतों वाली भूमिका निभाने के मौका नहीं मिला था जब मिला, तो उन्होंने कोई कमी नहीं रखी | जिमी शेरगिल छोटी भमिका में चिर-परिचित अंदाज में दिखे हैं 1980 में रिलीज फिल्म कर्ज का गाना एक हसीना थी..एक दीवाना ..सीन को दिलचस्प बनाता है।
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